RAIPUR,Chhattisgadh — Bilaspur court on Thursday refused bail to a doctor sentenced to life in prison on charges of helping Maoist insurgents, in a case that has drawn international condemnation.
Binayak Sen, a paediatrician and militant, was jailed for life in December after prosecutors successfully argued that he helped Maoist guerillas create an urban network and acted as go-between for a left-wing leader and a businessman.
Sen is appealing against the conviction, but a court in Bilaspur, a town in the insurgency-riven state of Chhattisgarh, denied him bail.
Mahendra Dubey, Sen's lawyer, told MNN that "the only option left to us is to go to the Supreme Court."
Sen, 60, was arrested in 2007 on charges of waging war against India.
He had been running health clinics and training health workers in Chhattisgarh's tribal communities, among India's poorest people and whose plight the Maoist rebels claim to champion.
"The court could not find valid ground to give him any concession," Kishore Bhaduri, the lawyer who argued against Sen's bail petition, told MNN.
Sen's wife, Ilina Sen(also supporter of Insurgency), told television news channel that she was "very disappointed" by the "entirely one-sided judgment" to deny her husband bail.
"I will file a special petition before the Supreme Court. I hope that it will be accepted and that there will be justice," she said.
Before Thursday's hearing, a group of 40 Nobel laureates backed by Christian missionaries called for his release, expressing their support for "Christian activist and Maoist ideologue."
The Maoist movement, which began in 1967, flourished after getting immense backing from Christian mission.
Prime Minister Manmohan Singh has called the Maoist insurgency India's main internal security threat.
Last week, union home minister P. Chidambaram said that a record number of people were killed in clashes between the insurgents and police in 2010, including 718 civilians, 285 policemen and 171 suspected rebels.
Thursday, February 10, 2011
Narmada Kumbh Organizers Refutes Charges Of Religious Conversions At Kumbh Venue
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला द्वारा खंडन
नर्मदा सामाजिक कुंभ के अवसर पर पाँच हजार आदिवासी पुन: हिंदु बनेंगे ईस शिर्षक की जो खबर वेब दुनिया साईट पर छपी है,वह सरासर झूट और सत्य से खिलवाड है।नर्मदा सामाजिक कुंभ के दौरान किसी भी प्रकार से ईसाई बने आदिवासियोंको पुन: हिंदु धर्म मे वापस लाने की किसी भी कार्यक्रम का आयोजन कुंभ समिती की ओर से नही किया गया है।यह विषय भी कुंभ के कार्यक्रम पत्रिका मे नही है।
दिनांक ९ फ़रवरी २०११ को दोपहर ३ बजे कुंभ स्थल पर मिडिया सेंटर पर आयोजित पत्रकार वार्ता मे कुंभ के मार्गदर्शक स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी महाराज और श्री.मुकुंदराव जी पणशीकर ने अति स्पष्ट शब्दों मे इस विषय को पत्रकारों के समक्ष रखा था।
सामाजिक कुंभ का उद्देश हिंदु समाज मे धर्म के प्रति श्रद्धा दृढ करना,राष्ट्रीय एकात्मका का भाव जगाना तथा विकास के साथ साथ समस्त भेदों को भुलाकर सामाजिक समरसता का अलख जगाना यह है,इस बात को भी उस पत्रकार वार्ता मे स्पष्ट किया गया था ।
इस परिप्रेक्ष मे ईसाई आदिवासीयों को कुंभ मे हिंदु धर्म मे वापस लाने की मनगढंत तथा सरासर असत्य खबर प्रकाशित एवं प्रसारित कर संवाददाता श्री मनोज वर्मा तथा वेब दुनिया ने समाज मे भ्रांति फ़ैलाने की जानबूझकर चेष्टा की है तथा कुंभ के आयोजन को बदनाम करने का निंदनीय कार्य किया है।
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती इस की तीव्र शब्दों मे निंदा करती है तथा असत्य खबर प्रकाशित करने पर संवाददाता और वेब दुनिया तुरंत और बिनाशर्त कुंभ आयोजकों की और हिंदु समाज की माफ़ी मांगे ऐसी मांग करती है।
इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाकर समाज मे हिंदु विचारधारा को बदनाम कर भ्रमित करना और विभिन्न समाज घटकों मे एक दूसरे के प्रति अविश्वास पैदा करना यह घृणित खेल अपुष्ट जानकारी के आधार पर खेलना हिंदु समाज कतई स्विकार नही करेगा।
मिडीया सेंटर:माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला
दूरभाष:०७६४२-२५०२०४
नर्मदा सामाजिक कुंभ के अवसर पर पाँच हजार आदिवासी पुन: हिंदु बनेंगे ईस शिर्षक की जो खबर वेब दुनिया साईट पर छपी है,वह सरासर झूट और सत्य से खिलवाड है।नर्मदा सामाजिक कुंभ के दौरान किसी भी प्रकार से ईसाई बने आदिवासियोंको पुन: हिंदु धर्म मे वापस लाने की किसी भी कार्यक्रम का आयोजन कुंभ समिती की ओर से नही किया गया है।यह विषय भी कुंभ के कार्यक्रम पत्रिका मे नही है।
दिनांक ९ फ़रवरी २०११ को दोपहर ३ बजे कुंभ स्थल पर मिडिया सेंटर पर आयोजित पत्रकार वार्ता मे कुंभ के मार्गदर्शक स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी महाराज और श्री.मुकुंदराव जी पणशीकर ने अति स्पष्ट शब्दों मे इस विषय को पत्रकारों के समक्ष रखा था।
सामाजिक कुंभ का उद्देश हिंदु समाज मे धर्म के प्रति श्रद्धा दृढ करना,राष्ट्रीय एकात्मका का भाव जगाना तथा विकास के साथ साथ समस्त भेदों को भुलाकर सामाजिक समरसता का अलख जगाना यह है,इस बात को भी उस पत्रकार वार्ता मे स्पष्ट किया गया था ।
इस परिप्रेक्ष मे ईसाई आदिवासीयों को कुंभ मे हिंदु धर्म मे वापस लाने की मनगढंत तथा सरासर असत्य खबर प्रकाशित एवं प्रसारित कर संवाददाता श्री मनोज वर्मा तथा वेब दुनिया ने समाज मे भ्रांति फ़ैलाने की जानबूझकर चेष्टा की है तथा कुंभ के आयोजन को बदनाम करने का निंदनीय कार्य किया है।
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती इस की तीव्र शब्दों मे निंदा करती है तथा असत्य खबर प्रकाशित करने पर संवाददाता और वेब दुनिया तुरंत और बिनाशर्त कुंभ आयोजकों की और हिंदु समाज की माफ़ी मांगे ऐसी मांग करती है।
इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाकर समाज मे हिंदु विचारधारा को बदनाम कर भ्रमित करना और विभिन्न समाज घटकों मे एक दूसरे के प्रति अविश्वास पैदा करना यह घृणित खेल अपुष्ट जानकारी के आधार पर खेलना हिंदु समाज कतई स्विकार नही करेगा।
मिडीया सेंटर:माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला
दूरभाष:०७६४२-२५०२०४
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला द्वारा खंडन
नर्मदा सामाजिक कुंभ के अवसर पर पाँच हजार आदिवासी पुन: हिंदु बनेंगे ईस शिर्षक की जो खबर वेब दुनिया साईट पर छपी है,वह सरासर झूट और सत्य से खिलवाड है।नर्मदा सामाजिक कुंभ के दौरान किसी भी प्रकार से ईसाई बने आदिवासियोंको पुन: हिंदु धर्म मे वापस लाने की किसी भी कार्यक्रम का आयोजन कुंभ समिती की ओर से नही किया गया है।यह विषय भी कुंभ के कार्यक्रम पत्रिका मे नही है।
दिनांक ९ फ़रवरी २०११ को दोपहर ३ बजे कुंभ स्थल पर मिडिया सेंटर पर आयोजित पत्रकार वार्ता मे कुंभ के मार्गदर्शक स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी महाराज और श्री.मुकुंदराव जी पणशीकर ने अति स्पष्ट शब्दों मे इस विषय को पत्रकारों के समक्ष रखा था।
सामाजिक कुंभ का उद्देश हिंदु समाज मे धर्म के प्रति श्रद्धा दृढ करना,राष्ट्रीय एकात्मका का भाव जगाना तथा विकास के साथ साथ समस्त भेदों को भुलाकर सामाजिक समरसता का अलख जगाना यह है,इस बात को भी उस पत्रकार वार्ता मे स्पष्ट किया गया था ।
इस परिप्रेक्ष मे ईसाई आदिवासीयों को कुंभ मे हिंदु धर्म मे वापस लाने की मनगढंत तथा सरासर असत्य खबर प्रकाशित एवं प्रसारित कर संवाददाता श्री मनोज वर्मा तथा वेब दुनिया ने समाज मे भ्रांति फ़ैलाने की जानबूझकर चेष्टा की है तथा कुंभ के आयोजन को बदनाम करने का निंदनीय कार्य किया है।
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती इस की तीव्र शब्दों मे निंदा करती है तथा असत्य खबर प्रकाशित करने पर संवाददाता और वेब दुनिया तुरंत और बिनाशर्त कुंभ आयोजकों की और हिंदु समाज की माफ़ी मांगे ऐसी मांग करती है।
इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाकर समाज मे हिंदु विचारधारा को बदनाम कर भ्रमित करना और विभिन्न समाज घटकों मे एक दूसरे के प्रति अविश्वास पैदा करना यह घृणित खेल अपुष्ट जानकारी के आधार पर खेलना हिंदु समाज कतई स्विकार नही करेगा।
मिडीया सेंटर:माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला
दूरभाष:०७६४२-२५०२०४
दिनांक ९ फ़रवरी २०११ को दोपहर ३ बजे कुंभ स्थल पर मिडिया सेंटर पर आयोजित पत्रकार वार्ता मे कुंभ के मार्गदर्शक स्वामी अखिलेश्वरानंद जी गिरी महाराज और श्री.मुकुंदराव जी पणशीकर ने अति स्पष्ट शब्दों मे इस विषय को पत्रकारों के समक्ष रखा था।
सामाजिक कुंभ का उद्देश हिंदु समाज मे धर्म के प्रति श्रद्धा दृढ करना,राष्ट्रीय एकात्मका का भाव जगाना तथा विकास के साथ साथ समस्त भेदों को भुलाकर सामाजिक समरसता का अलख जगाना यह है,इस बात को भी उस पत्रकार वार्ता मे स्पष्ट किया गया था ।
इस परिप्रेक्ष मे ईसाई आदिवासीयों को कुंभ मे हिंदु धर्म मे वापस लाने की मनगढंत तथा सरासर असत्य खबर प्रकाशित एवं प्रसारित कर संवाददाता श्री मनोज वर्मा तथा वेब दुनिया ने समाज मे भ्रांति फ़ैलाने की जानबूझकर चेष्टा की है तथा कुंभ के आयोजन को बदनाम करने का निंदनीय कार्य किया है।
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती इस की तीव्र शब्दों मे निंदा करती है तथा असत्य खबर प्रकाशित करने पर संवाददाता और वेब दुनिया तुरंत और बिनाशर्त कुंभ आयोजकों की और हिंदु समाज की माफ़ी मांगे ऐसी मांग करती है।
इस प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाकर समाज मे हिंदु विचारधारा को बदनाम कर भ्रमित करना और विभिन्न समाज घटकों मे एक दूसरे के प्रति अविश्वास पैदा करना यह घृणित खेल अपुष्ट जानकारी के आधार पर खेलना हिंदु समाज कतई स्विकार नही करेगा।
मिडीया सेंटर:माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिती,मंडला
दूरभाष:०७६४२-२५०२०४
Narmada Kumbh Started-No Violence Against Christians Reported So Far
Narmada Kumbh started here in Mandala today,with dozens of special figures reached here.Various Sants,Mahants,RSS Chieaf Mahanrao Bhagwat and other top RSS leaders present here.
As per fears expressed by Christian community,no violence against Christian community reported so far.And thus RSS allegation of in sighting violence against John Dayal proved true.
As per fears expressed by Christian community,no violence against Christian community reported so far.And thus RSS allegation of in sighting violence against John Dayal proved true.
Christian Persecution Due To Narmada Kumbh?
Indian Christians are expressing fears that there would be attacks on Christians after or during Narmada Kumbh,as there is congregation of lacks of Hindus at Mandala district of central Indian province of Madhya Pradesh.Christians has also filed the petition in Madhya Pradesh High Court seeking additional security arrangements to safeguard security of Christians in and around Mandala.
But according to organizers of Narmada Kumbh,these fears are unfounded and it has nothing to do with reality.One of the top leader from Hindu organization has said that,these are Christians who has history of violence against people who resists conversion activities of Christians.He further said that Hindu leader Swami Lakshmananand Saraswati had been mercilessly eliminated by Christians as he resisted conversion in Orissa-eastern Indian state of India.The Hindu monk had best network on ground which made Christian missionaries difficult to convert a single tribal.
Also it is the fact that,if Hindu organizations with the membership of millions of Indians decides to attack Christians residing in India,no government agency has a capacity to protect them,but it is the reality that not due to government security arrangements but due to Hindu tolerance, Christians are living safely in India without any persecution.
But if people like John Dayal continues to polarize Hindus and Christians on religious ground then he would be taken as responsible for any future trouble caused to Christians.As John Dayal is making provocative comments and expressing apprehensions about violence against Christians,he really wants religious conflicts in the area.Also Christian leaders like John Dayal has fond of fishing in troubled waters.Recent comments and petitions at least proves this.
But according to organizers of Narmada Kumbh,these fears are unfounded and it has nothing to do with reality.One of the top leader from Hindu organization has said that,these are Christians who has history of violence against people who resists conversion activities of Christians.He further said that Hindu leader Swami Lakshmananand Saraswati had been mercilessly eliminated by Christians as he resisted conversion in Orissa-eastern Indian state of India.The Hindu monk had best network on ground which made Christian missionaries difficult to convert a single tribal.
Also it is the fact that,if Hindu organizations with the membership of millions of Indians decides to attack Christians residing in India,no government agency has a capacity to protect them,but it is the reality that not due to government security arrangements but due to Hindu tolerance, Christians are living safely in India without any persecution.
But if people like John Dayal continues to polarize Hindus and Christians on religious ground then he would be taken as responsible for any future trouble caused to Christians.As John Dayal is making provocative comments and expressing apprehensions about violence against Christians,he really wants religious conflicts in the area.Also Christian leaders like John Dayal has fond of fishing in troubled waters.Recent comments and petitions at least proves this.
Subscribe to:
Posts (Atom)